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मैथिली, भोजपुरी, मगही और अंगिका को जल्द मिल सकता है द्वितीय राजभाषा का दर्जा

मैथिली, भोजपुरी, मगही और अंगिका भाषाओं को झारखंड की द्वितीय राजभाषा बनाने की सालों से चली आ रही मांग को लेकर राज्य सरकार काफी गंभीर है और जल्द ही इस पर कोई बड़ा फैसला होगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमशेदपुर में ये घोषणा की है. वे अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद के कायक्रम मिथिला दिवस सह मिथिला नववर्ष के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने ये बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की संस्कृति काफी खुली है जहां सभी प्रकार की संस्कृतियों के लिए पूरी जगह है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में झारखंड में मौजूद सभी भाषा-भाषी-संस्कृतियों के वेलफेयर का ख्याल रखा जाएगा. कार्यक्रम में मंत्री सरयू राय भी उपस्थित थे. संबोधन से पहले मुख्यमंत्री रघुवर दास और मंत्री सरयू राय ने संयुक्त रूप से मैथिली भाषा और संस्कृति से संबंधित अशोक अविचल की दो पुस्तकों का विमोचन किया.साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद के औपचारिक वेबसाइट का भी उद्घाटन किया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मैथिली भाषियों ने शिरकत की और मुख्यमंत्री की ताजा घोषणा से काफी खुश दिखे.